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एक रूपैया पार्ट 2

तब लखन ने गुस्से से कहा

लखन - हां,,,,नहीं मान सकता,,,क्योंकि तू,,,बर्बादी की बातें कर रहा है और मैं तुझे,, बर्बाद होते नहीं देख सकता और कान खोल कर सुन ले,,,तुझे मैंने बनाया है,,,तेरी जिंदगी का हर फैसला लेने का मुझे पूरा अधिकार है,,,,तेरे पास है क्या,,   जिसकी तुझे,,,इतनी अकड़ है,,,,अरे,,,,गली के कुत्ते भी अपने लिए,,,,दो वक्त का खाना ढूंढ लेते हैं,,,,मेरे सहारे के बिना,,,,,,तेरी वो भी ओकात नहीं है"!

अपने पापा की यह कड़वी बात,,,लकी को अंदर तक चुभ जाती है,,,उसे यकीन नहीं हो रहा है कि उसके पापा उसकी तुलना कुत्ते से कर रहे हैं पर यह सच है और इस सच ने उसे गहरा दर्द पहुंचाया है,,,उसकी आंखों से बहते आंसू,,,उसके दर्द को बयां कर रहे हैं,,,तब लकी ने अपने आंसू पोंछे और उसने दर्द भरे शब्दों में रोते हुए कहा

लकी - पापा,,,आप ठीक कह रहे हो,,,मेरी औकात किसी कुत्ते से कम नहीं है,,,कुत्ता अपने मालिक के सहारे का मोहताज होता है,,,बस उस कुत्ते और मुझ में फर्क इतना है कि कुत्ते का मालिक कोई इंसान होता है और मेरे मालिक,,,म्मेरे पापा है,,,थैंक यू पापा,,,आज आपने,,,मुझे,,,,मेरी सही औकात बता दी,,,इसलिए मैं घर छोड़ कर जा रहा हूं और जब तक कुत्ते से इंसान नहीं बन जाता,,,तब तक इस घर में नहीं आऊंगा"!

लकी की जाने के बाद सुनकर,,,लखन और गुस्सा हो जाते हैं और कहते हैं

लखन - जब पक्षियों के बच्चे बड़े हो जाते हैं और उनके पंख आ जाते हैं तो वह घोंसला छोड़कर भाग जाते हैं और कभी घोंसले में नहीं आते है"!

फिर लखन ने लकी के शर्ट की जैब,,,अपने हाथ से खींच कर फाड़ी और कहा

लखन - जैब में फुटी कोड़ी नहीं है और उड़ने की बात कर रहा है"!

अपनी यह बेइज्जती सहते हुए,,,लकी ने जोश से कहा

लकी - पक्षी के बच्चे घोंसला छोड़कर,,,इसलिए नहीं जाते,,,क्योंकि उनके पंख आ जाते हैं,,,वह घोंसला छोड़कर,,,इसलिए जाते हैं,,,क्योंकि वह उड़ना सीख जाते हैं"!

तभी लखन ने लकी की आंखों में गुस्से से आंखें डाल कर पूछा

लखन - तो तु,,उड़ना चाहता है"!

लकी ने जोश से जवाब देते हुए कहा

लकी - हां,,,,

तभी लखन ने गुस्से से लकी के शर्ट की कालर पकड़ी और उसे किसी कुत्ते की तरह,,,,अपने घर के दरवाजे पर खींच कर लाया और उसे घर के बाहर धक्का दे दिया

लकी जाकर,,,नीचे गिरा और  बहती आंखों से हैरान होकर,,,अपने पापा को देखने लगा,,,,तब लकी के पापा ने कहा लखन

लखन -निकल जा,,,मेरे घर से ओर कभी अपनी शक्ल मत दिखाना"!

तब लकी ने रोते हुए कहा

लकी - पापा,,,,,में,,,,हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं,,,बस एक महीने के लिए जा रहा हूं,,,,देखना इस 1 महीने में ऐसा काम करके दिखाऊंगा की एक महीने बाद,,,आपको मुझ पर गर्व होगा और आप खुद,,,मुझे लेने आओगे"!

लखन ने बिना कुछ कहे,,अपने घर का दरवाजा लगाया

नेक्स्ट सीन

लकी ने दरवाजा दरवाजा खटखटाया,,,,फटाक से सोनिया ने दरवाजा खोला और कहां

सोनिया - फटाफट अंदर आ जाओ,,,कोई देख लेगा"!

लकी ने अंदर आकर पुछा

लकी - मुझे,,,यहां पर बुलाया है,,,यह घर किसका है"?

तब सोनिया ने कहा

सोनिया - यह घर मेरी फ्रेंड का है,,,वह कॉलेज गई है,,,मेरी बात,,,ध्यान से सुनो,,,मेरे घर वालों ने मेरी शादी,,,फिक्स कर दी है,,,इसलिए मैं ₹1 लाख कैश और अपनी सारी ज्वेलरी लेकर,,,घर से भाग गई हूं,,,चलो भाग कर,,,शादी कर लेते हैं"!

तब लकी ने कहा

लकी - मैं,,,,अभी शादी नहीं कर सकता,,,,मुझे एक महीने का समय चाहिए,,,,पापा ने मुझे,,,घर से निकाल दिया है,,,शादी करके तुम्हें,,,कहां ले जाऊंगा,,,कहां रखुंगा"!

तब सोनिया ने विश्वास भरे शब्दों में प्यार से कहा

सोनिया - तुम,,,जंहा ले चलोगे,,,वहां चल दुंगी,,,तुम जैसे हाल में रखोगे,,,में रह लूंगी,,,बस तुम अब मेरा,,,हाथ थाम लो"!  सोनिया ने अपने दोनों हाथ बढ़ाकर कहा

लकी ने सोनिया के हाथों को अपने हाथ में लिया और उसे समझाते हुए बोला

लकी - तुम्हारे हाथों को अपने हाथों में लेने के लिए,,,,में बहुत,,,बेकरार हूं,,,,,तुम,,,,,मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत तस्वीर हो,,,,जिसे मैं हमेशा,,,,अपने दिल से लगा कर रखना चाहता हूं,,,इसलिए कह रहा हूं,,,मुझे सिर्फ एक महीने की मोहलत और दे दो और अपने घर वालों को किसी तरह,,,,एक महीने के लिए मना लो,,,मैं सब ठीक कर दूंगा"!

तब सोनिया ने लकी के हाथों से अपने हाथ छुड़ाएं ओर अपनी मजबूरी बंया की

सोनिया - तुम लड़के हो,,,घर छोड़कर कहीं भी जा सकते हो पर मैं कहां जाऊं,,,किस पर भरोसा करूं,,,शहर में हवस के भूखे भेड़िये घूम रहे हैं,,,मेरे बदन को नोच खाएंगे,,,मुझे"!

तब लकी ने कहा

लकी -  तुम वापस,,,अपने घर जाओ और किसी भी तरह,,,सिर्फ एक महीने के लिए,,,अपने घर वालों को मना लो,,,तुम्हारे प्यार की कसम,,,सिर्फ एक महीने में इस दुनिया की सारी खुशियां,,,तुम्हारे कदमों में लाकर रख दूंगा"!

तब सोनिया ने रोते हुए,,,लकी को चाटा मारा ओर बोली

सोनिया - आज साथ निभाने से डर रहे हैं और एक महीने बाद के सपने दिखा रहे हो,,,अगर मुझसे प्यार करते हो तो अभी मेरे हाथों को थाम लो,,,,नहीं तो यह अपनी मां का  एक रुपया लेकर,,,,मुझे,,,,अपने प्यार से आजाद कर दो,,,,मैं किसी और का हाथ थाम लूंगी"!

सोनिया की यह स्पष्ट बात सुनकर,,,लकी टूट जाता है और भावुक शब्दों में कहता है

लकी - मेरे हाथों में इतनी ताकत नहीं है कि तुम्हारे हाथों से अपनी माँ का एक रुपया उठाकर,,,तुम्हें अपने प्यार से आजाद कर सकूं"!

लकी की यह बात सुनकर,,,सोनिया टूट कर रोने लगी और लकी को फिर चांटा मार कर पूछा

सोनिया - तूम,,,मेरी शादी में आओगे या नहीं"?

लकी ने भीगी आंखों से कहा

लेकी -  मैं,,,अपने अरमानों के जनाजे मे कैसे,,,आ  सकता हूं"?

तभी सोनिया ने लकी का हाथ पड़कर,,,उसके हाथ में एक रुपये का सिक्का रखकर कहां

सोनिया - तुमने,,,,मुझसे सिर्फ एक महीने की मौहलत मांगी थी,,,,मैंने,,,तुम्हें,,,,जिंदगी भर के लिए मुक्त कर दिया"! और रोने लगी

फिर लकी भी वह एक रूपया, ,अपने हाथों में लेकर,,चल दिया

नेक्स्ट सीन

लकी ने बाइक से जा रहे,,,एक आदमी को हाथ देकर रोका

उस 50 साल के आदमी ने बाइक रोककर पूछा

आदमी - भाया,,,लिफ्ट चाहिए"?

लकी ने बैठकर कहां

लकी - हां"!

तब वह आदमी बोला

आदमी - अरे,,,,भाया,,,मैंने,,,तुमसे लिफ्ट का पूछा है,,,बैठने को नहीं कहा है,,,ठीक है,,,अब बैठ गए हो तो तुम्हें,,,एक बात बता देता हूं,,,,किराया लगेगा और मैं,,,सब्जी मंडी जा रहा हूं,,,तुम्हें कहां जाना है"?

लकी ने कहा

लकी - जहां काम मिल जाए"!

उस आदमी ने बाइक स्टार्ट करके, ,,चलते हुए कहा

आदमी - सब्जी मंडी में बहुत काम है पर सारे काम मेहनत के हैं,,,कर पाओगे"!

तब लकी ने कहा

लकी - में मेहनत करने में कभी पीछे नहीं हटता हूं"!

फिर उसे आदमी ने कहा

आदमी - अगर तुम,,,मेहनती हो तो तेरी मेरी खूब पटेगी,,,,मेरा नाम बाबू भिंडी है,,,हरी पीली,,ताजी सब्जी का व्यापार करता हूं,,,अपने मोहल्ले की सारी पब्लिक को मेरे बारे में बताना और मेरी दुकान पर सब्जी खरीदने भेजना  "!

लकी - ठीक है,,, सर"!

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:32 AM

👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:38 PM

Nice one

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